मुहब्बत करने में…


मुहब्बत करने में जनाब दोष नहीं होता,

हर आशिक को तेरे अर्ज़ पर होश नहीं होता|

फिर भी लहरें टकराती हैं आकर किनारे से,

जानेमन! ‘मानस’ इससे बेहोश नहीं होता||